लेखनी कहानी -05-Jan-2023 (20) आगे कुआँ, पीछे खायी ( मुहावरों की दुनिया )

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शीर्षक = आगे कुआँ, पीछे खायी दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती देख, दीन दयाल जी बोले " इस समय कौन, आ सकता है? " "मैं देखती हूँ " सुष्मा जी ...

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